सुमन बुआ 26th May 2020

हम सबका प्यारा सबका दुलारा, हमारा प्यारा बेटू.... हमारा कृष्णा.... हमारा अवि..... तुम हमारी दिल की गहराइयों में रहे हो और ताउम्र रहोगे .... जब अवि हम सब के जीवन मे आया तो किसी ने कहा कि तुम्हारे यहाँ कृष्ण आ गए, क्योंकि अवि हमारे परिवार का सबसे छोटा आठवाँ बेटा है... बचपन मे गोपाला की तरह नटखट था, छोटी छोटी शैतानियां भी करता था और कभी बड़ी समझदारी की बातें भी करता था.... वह अपनी मम्मी की गर्दन में सिर घुसा कर सोता था, तभी उसे अच्छी नींद आती थी.... अपनी मम्मी को गले से कसकर पकड़ता था..... उसके पापा तो उसके सुपर हीरो थे .... कहता मेरे पापा बहुत स्मार्ट हैं.... छुटपन में हमारे चेहरे को देखता था, की ये कैसे बोल रहे है.... जब बोलने लगा तो हिंदी इंग्लिश चाइनीज सब बोलने लगा.... दादी की फ़ोटो को देखकर पूछता था, दादाजी तो है, दादी कहाँ गई.... उसे Cowwww बोलना बहुत अच्छा लगता था, गाय को छूना भी.... रोटी खिलाना भी ... उसे बहुत मजा आता था .... मुझे सुमन बुआ की जगह .... अपनी छोटी छोटी आंखे करके चेहरे पर एक प्यारी सी शरारती मुस्कान भरकर सुमन बूची कहता था.... इंदौर आकर उसे बहुत अच्छा लगता, सभी भाइयों के साथ बहुत मस्ती करता, खुश रहता ... बचपन मे उसको खाना खिलाना उसकी मम्मी पापा का बहुत बड़ा टास्क था, पर यहाँ भाइयों के साथ बैठकर अच्छे से खुशी खुशी खा लेता.... में शाम को जैसे ही घर मे घुसती, मुझसे पूछता हम आपके घर कब चलेंगे... उसे मेरे यहाँ आकर चीनू भैया के साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था.... अवि का पहला जन्मदिन इंदौर में हम सबने खूब मनाया था.... उसका मुण्डन कार्यक्रम भी किया... हम सब हर साल उसके आने का इंतजार करते.... फोनपर भी इतनी प्यारी आवाज में सुमन बुआ बोलता.... . . . प्यारी यांदे तो इतनी है.... बस पर अब यांदे ही रह गई... एक प्यारा देवदूत कही से हमारे जीवन मे आया , मोह जगाया और अपनी दूसरी यात्रा पर निकल गया.... अपने मम्मी पापा को अपने से दूर नही जाने देता था, उनके भरपूर असीम स्नेह का आनंद लिया, एक योद्धा की तरह अपनी लड़ाई को बहुत हिम्मत शक्ति से लड़ा.... अपने मम्मी पापा को बहुत शक्तिशाली बना दिया.... अवि तुम हमारे दिल मे जेहन में बस गए हो.... तुम्हें हमारे पास वापस जल्दी आना है.... क्यूँकि हमारा लाड़ अभी अधूरा रह गया.... अवि तुम बहुत किस्मत वाले हो, इतने प्यारे समर्पित मम्मी पापा को पाकर तुम धन्य हो गए.... ईश्वर तुम्हे हमेशा यही मम्मी पापा दे.... ईश्वर का आशीर्वाद तुम पर बना रहे.... अभी भाइयों के साथ क्रिकेट खेलना रह गया है, बुआओं का लाड़ रह गया हैं, हम साथ मे फिल्मे देखेंगे, खेलेंगे , मस्ती करेंगे... . . . एक पुण्यात्मा आई, अपने मम्मी पापा से ली हुई सेवाओ का पूर्ण होते ही अगली यात्रा पर चल दी... मनीष अदिति ..... अवि का सानिध्य अवश्य मिलेगा.... ईश्वर अवि की रक्षा करें, अपने श्रीचरणों में स्थान दे, स्वस्थ जीवन दे... यहीं पार्थना है....🌹🙏🏼 अवि को बहुत सारा प्यार दुलार.... सुमन बुआ