हमें अवि का वही मुस्कुराता हुआ मासूम चेहरा याद आता है जब वह हमारे घर इन्दिरानगर में आया था। वही स्मृति हमारे मन मस्तिष्क में बसी हुई हैं। मनीष जी, अदिति जी की 12 वर्षों की अथक तपस्या को नमन। ईश्वर उसे अपनी गोद में स्थान दे एवं परिवार को वज्रपात सहने की शक्ति प्रदान करे। - दीपक-वसुंधरा व्यास