Sandeep 27th May 2020

अवि को तो मैं कई वर्षों पूर्व शायद 2004-05 मे मिला. हूं लेकिन विगत बारह वर्षों से ईश्वर से यही प्रार्थना करते रहे कि प्यारा भतिजा जल्द ठीक होकर भैय्या व भाभी के साथ भारत आये व हम पूरा परिवार एक साथ मिलकर उसका स्वागत करें। ईश्वर इतने वर्षों की तपस्या का यह फल देगा इसका कतई अनुमान नहीं था । ये हो सकता है कि हमारी प्रार्थना मे कमी रही हो पर भैय्या व भाभी के इतने वर्षों के त्याग, समर्पण को ईश्वर ने क्यों कर नजरअंदाज किया यह समझ से परे है । मन काफी व्यथित है । अभी भी एसा लग रहा है, जैसे ये कोई सपना हो, परन्तु सपने व हकीकत के मध्य के सारे रास्ते ईश्वर ने बंद कर दिये है । अब अवि हम सबके दिलो मे ध्रुव तारे की भांति सदा चमकता रहेगा। अवि श्री हरि तूम्हे अपने श्री चरणों मे स्थान दे व भैय्या भाभी सहित हमारे पूरे परिवार को ईस वज्रपात को सहने की शक्ति प्रदान करें। संदीप द्विवेदी (चाचा) धार