प्यारी सोनू, मानिशजी, आप दोनों बड़ी हिम्मत रखना। कोए पुनयाई आत्मा आई थी, आप दोनों का प्रेम समर्पण और सेवा का ऋणानुबंध शेष था वहीं लेने आई थी। वह पूरा हो गया था इसीलिए अनन्त की यात्रा पर चल निकली। ईश्वर प्यारे अवी को अपने चरणों में असीम शान्ति प्रदान करेंगे। ओम शांति शांति। आपका अभय।