प्रिय अवि, सर्व प्रिय अवि तुम्हें खो दिया हमने तुम्हें पाने के बाद तुम्हारी याद बरसों आएगी तुम्हारे जाने के बाद। तुम्हारी मुस्कान- बचपनी मुस्कान तुम्हारी मुस्कुराहट तुम्हारा मौन तुम्हारी संजीदगी चित्रपट की भांति स्मृति पटल पर एक एक कर अंकित हो रही है नयनों में अश्रुकण छलक रहे हैं सेवा, त्याग, तपस्या का पाठ जो तुमने पढ़ाया है हमको हम सदा याद रखेंगे, प्रभु इच्छा कहकर हम तुम्हारी याद में मौन हो रहे हैं दिव्य जीवन तुम्हें प्राप्त हो इस भावना से हम तुम्हें स्नेह युक्त स्मरानांजलि दे रहे हैं।। राजेन्द्र व्यास