Jyoti Joshi 26th May 2020

2017 में जब इंग्लैंड आई थी तब मैं उससे बात करती थी वह मेरी बातें बड़े ध्यान से सुनता था किसी दिन हम न मिल पाते वह हम दोनों को देखता फिर में उससे बात करती हूं हां करके कुछ बोलने की कोशिश करता था । मैं चिंटू व डिपी के बारे बोलती तो वह चेहरे पर मुस्कान देता था । जब भी इंदौर आता था तो उसके दादाजी की गादी के नीचे से वह टाॅफी ढुंढता था ॵर वह कहता कि ताईजी मै इंग्लैंड नहीं जाऊंगा, उसकी यादें दिल में रह गयी है ।। ज्योति ताईजी